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विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं ने भारत की विरासत और संस्कृति को काफी हद तक प्रभावित किया है। रोजमर्रा की जिंदगी, वास्तुकला और साहित्य युगों-युगों से पड़ते आने वाले विभिन्न प्रभावों की अभिव्यक्ति होते हैं। नतीजतन, भारत की विविध संस्कृति और विरासत जो कि दुनिया में सबसे पुरानी संस्कृतियों और विरासतों में से एक है। कुछ ऐसी ही विरासतों और संस्कृतियों की सूची यहाँ प्रस्तुत है जिनका अनुभव आपको अवश्य करना चाहिए।
चारमीनार वॉक, हैदराबाद
यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर-मार्च
1591 से ही शानदार चारमीनार मस्जिद हैदराबाद का सबसे प्रतिष्ठित स्मारक और हैदराबाद के समृद्ध इतिहास और विरासत का प्रतीक रहा है। यह स्मारक पुराने शहर के बीचों-बीच स्थित है और यहाँ से शहर की असाधारण संस्कृति, और इसके शानदार खाने और शिल्प कला की झलक देखने को मिलती है। पुराने शहर की व्यस्त, रंगबिरंगी गलियों से गुज़रते हुए, आप निज़ामों के बीते युग में वापस चले जाएंगे। उत्कृष्ट तस्वीरें खींचे, शानदार खाना खाएं, और सुंदर पारंपरिक हस्तशिल्प (लाख की चूड़ियां, ज़रदोज़ी कढ़ाई का काम) देखें - हैदराबाद की विरासत और इसकी आम जिंदगी का अनुभव करें। चारमीनार के आसपास प्रसिद्ध स्मारकों और ऐतिहासिक स्थलों के पैदल चक्कर लगाएं: चारमीनार से शुरुआत करें, फिर मक्का मस्जिद, लाड बाज़ार, शाही जिलुखाना, महबूब चौक क्लॉकटावर, होम्योपैथी अस्पताल, धातु बाज़ार, चौक मस्जिद, अब्दरखाना, आस्मां जाह ड्योड़ी, इकबाल-उद-दौलाहड्योड़ी, और फिर अंत में चौमहल्ला महल देखें जहाँ आप संग्रहालय देखने के लिए रुक सकते हैं।
लखनऊ
यात्रा का सबसे अच्छा समय: अप्रैल-जून
लखनऊ जो साधारणतः अवध जिले में स्थित है, एक लंबे समय से विभिन्न समुदायों का शहर रहा है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, इस शहर का नाम पौराणिक हिंदू महाकाव्य रामायण के संत, लक्ष्मण के नाम पर पड़ा है। दरअसल, अवध की राजधानी का नियंत्रण मुगलों के अधीन दिल्ली सल्तनत द्वारा किया जाता था जिसे बाद में अवध के नवाबों को सौंप दिया गया।
आगरा और वाराणसी के साथ-साथ लखनऊ उत्तर प्रदेश हेरिटेज आर्क में तीन शहरी क्षेत्रों में से एक है जो अध्ययन त्रिभुजन की एक श्रृंखला है जिसका निर्माण राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा किया गया था। 1857 के भारतीय विद्रोह में लखनऊ महत्वपूर्ण केंद्रों में से एक था और इसने भारत की स्वायत्तता के विकास में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया, और सुनियोजित रूप से उत्तर भारत के महत्वपूर्ण शहर के रूप में उभर कर आया। इसके परिष्कृत सौंदर्य और हाल ही में प्राप्त गति का असाधारण मिश्रण ही इसका सबसे उत्साहजनक तत्व है जो आने वाले भविष्य का संकेत देता है। चाहे अपील सामाजिक हो या अद्भुत; लखनऊ में सभी का संरक्षण किया जाता है जो इसे 'अनगिनत अद्भुत गुणों वाला शहर' बनाता है। चौक और अमीनाबाद की सड़कों और गलियों से गुजरते हुए आप पुराने जमाने के लखनऊ को देख सकते हैं। यहाँ की तहज़ीब अभी तक विख्यात और असाधारण प्रशंसा का विषय है। हालाँकि, सौ वर्षों में पहनावे में काफी बदलाव आ गया है, तब भी हाथ की जबरदस्त और नाज़ुक बुनाई - चिकन की उत्कृष्टता और आकर्षण अभी भी बरकरार है।
चेन्नई
यात्रा का सबसे अच्छा समय: नवंबर से फरवरी
मायलापुर चेन्नई का सबसे प्रतिष्ठित निजी क्षेत्र है जिसे शहर का सामाजिक केंद्र कहा जाता है। मायलापुर की वृक्षों लदी सड़कों पर पुरानी शैली के उत्कृष्ट घर, शानदार अभयारण्य, पूजा के स्थान, मस्जिदें, संगीत के गतिशील गलियारे और चेन्नई के कुछ सबसे बढ़िया स्कूल मौजूद हैं। टहलने के लिए सुंदर कपालेश्वरर मंदिर, रमणीय फोकल सैंक्चुरी टैंक, शांत और विशाल श्री रामकृष्ण मठ और जोशीले संगीत संस्थान मौजूद हैं। वहाँ तक जाने के लिए आपको तंग, पेचीदा रास्तों से गुज़र कर जाना होगा जहाँ आपको फल-सब्जी बेचते विक्रेता, फूलों के व्यापारी और रत्नों से लेकर रेशम और घर में निर्मित तेल और पाउडर से लेकर बढ़िया खाने पीने और उत्पादों और धार्मिक स्मृति चिह्न बेचने वाली छोटी पुरानी दुकानें मिल जाएंगी। एक बार टहल कदमी पूरी करने के बाद, आप चेन्नई की प्रसिद्ध एस्प्रेसो और अल्पाहार का मज़ा लेने के लिए सर्वना भवन में खरीदारी कर सकते हैं।
अहमदाबाद
यात्रा का सबसे अच्छा समय: नवंबर से फरवरी
माणिक चौक वॉक
अहमदाबाद माणिक चौक अहमदाबाद का सबसे बड़ा, सबसे व्यस्त, सबसे रंगीन और शानदार रूप से अव्यवस्थित बाज़ार है - यहाँ जाना न भूलना! यहाँ आपको सुंदर आभूषण, खाने की शानदार वस्तुएं, भव्य वस्त्र, और बेशक ढेर सारे फल और सब्जियां मिल जाएंगी। सुबह से शाम तक इस शानदार बाज़ार की सैर करें और इसका पूर्ण रूप से अनुभव करें। रानी नो हजीरो जिसे "महिलाओं का बाज़ार" के नाम से जाना जाता है और जहाँ वेशभूषाओं के लिए आभूषण से लेकर दहेज़ का सामान और छोटी-मोटी ज़रूरतों का सामान सभी प्रकार की चीज़ें बेचीं जाती हैं घूमने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। 2 घंटे का समय निकाल कर बेंगलुरु के पर्याय शानदार ढांचों और रमणीय आँगन वाली नर्सरी देखने के लिए सचिवालय क्षेत्र का चक्कर लगा कर आएं। इसी तरह, राज्य संग्रहालय और वेंकटप्पा गैलरी पधारें।
अमृतसर
यात्रा का सबसे अच्छा समय: नवंबर और मार्च
वर्ष 1774 ईस्वी में गुरु राम दास द्वारा स्थापित, अमृतसर शहर एक ऐतिहासिक केंद्र है। यात्रियों के लिए, इस शहर का पर्याय स्वर्ण मंदिर है, हालाँकि, यहाँ घूमने के लिए और भी बहुत कुछ है। इतिहास के विशेषज्ञों को पुराने शहर के सुंदर रास्ते, घर और यहाँ रहने वाले लोग आश्चर्यचकित कर देंगे। इस 400 वर्ष पुराने शहर की खोज करने के लिए 'हेरिटेज स्ट्रीट' सबसे बढ़िया जगह है। इसकी शुरुआत पुरानी टाउन हॉल बिल्डिंग से होती है जहाँ अब विभाजन संग्रहालय है और जिसके बाद जलियांवाला बाग और अंत में स्वर्ण मंदिर है। एक किलोमीटर लंबे इस रास्ते में शहर के सभी प्रतिष्ठित स्मारक देखे जा सकते हैं। यहाँ की सैर करते हुए आप स्वर्ण मंदिर की पवित्रता का अनुभव कर सकते हैं और देख सकते हैं गोलियों से छलनी दीवारें, कुएं जिसमें अनेक महिलाएं कूद गई, और यह सभी कुछ वर्ष 1919 के क्रूर नरसंहार के मासूम पीड़ितों की याद के सम्मान में जलियांवाला बाग में संरक्षित किया गया है जब जनरल डायर ने अपने सैनिकों को बैसाखी की शांतिपूर्ण बैठक में इकठ्ठा हुए लोगों पर निर्दयता पूर्वक गोलियां बरसाने का आदेश दिया था। 19वीं सदी की सुंदर टाउन हॉल बिल्डिंग में स्थित, विभाजन संग्रहालय के निर्माण में लोगों ने पैसों, कपड़ों, पत्रों, तलवारों, आभूषण, पारिवारिक विरासत, रिकॉर्ड किए गए ऑडियो-विजुअल आख्यानों, रिफ्यूजी कैंप रजिस्ट्रेशन कार्ड, चित्राकरी और यहाँ तक की अनुसंधान में सहायता द्वारा योगदान किया है। इस स्थान की खोज करते हुए, आपको लुभावनी चीज़ें देखने को मिलेंगी कि कैसे भारत का विभाजन हुआ, परदे के पीछे के राजनैतिक विचार-विमर्श जिन्होंने लाहौर जैसे शहरों और गुरदासपुर जैसे जिलों का भाग्य बदल दिया। अंबाला, कुरुक्षेत्र और दिल्ली जैसे स्थानों में रिफ्यूजी कैंपों में जीवित बचे लोगों, स्वयंसेवकों के दिल दहला देने वाले किस्से सुनें और गवाह बनें इस विभाजन में जीवित रह गई सीमा पार दोस्ती को दी गई सुंदर श्रद्धांजलियों के।
कोच्चि
यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से फरवरी
प्राचीन समय में, कोच्चि (कोचीन) हिंद महासागर में मसालों के व्यापार का केंद्र था, और कई सदियों तक, यूनानी, रोमन, यहूदी, अरब, और चीनी व्यापारियों और यात्रियों को ले जाने वाले बड़े जहाज़ इस सुंदर बंदरगाह शहर में व्यापार करने आते थे। 15वीं सदी के बाद से, कोच्चि में पहले पुर्तगालियों ने उपनिवेश स्थापित किया, फिर डच, और आखिर में भारत की स्वतंत्रता के समय, वर्ष 1947 तक, अंग्रेजों ने उपनिवेश स्थापित किया। कोच्चि के विविध, अनूठे और समृद्ध इतिहास, संस्कृति और विरासत की असाधारण परंपरा को फोर्ट कोच्चि में प्रभावों में देखा जा सकता है। फोर्ट कोच्चि के पुराने हिस्सों का सबसे बढ़िया अनुभव पैदल चल कर किया जा सकता है। पुर्तगालियों द्वारा निर्मित सेंट फ्रांसिस चर्च (भारत की सबसे पुरानी यूरोपीय चर्च), फोर्ट इम्मानुएल (पुर्तगाली गढ़), डच कब्रिस्तान, सुंदर मट्टनचेरी महल (डच महल), मट्टनचेरी में 16वीं सदी का भव्य सजावट वाला यहूदी अरधनालय, वास्को हाउस, जहाँ माना जाता है वास्को ड़ा गामा रहे थे, सैंटा क्रूज़ बेसिलिका कैथेड्रल, और यूनियन क्लब बिल्डिंग की सैर करें। फिर, कोच्चि के यहूदी समुदाय, ज्यू टाउन की मसलों से लदी आकर्षक गलियों की सैर करें; बिशप्स हाउस रोड़ के किनारे-किनारे सुंदर पुराने घरों को देखें। इसके बाद, समुद्र किनारे टहल कदमी करें (सूर्यास्त सबसे बढ़िया होता है!) और केवल कोच्चि में ही पाए जाने वाले तट के किनारे फैले मछली पकड़ने के विशाल चीनी जाल देखें। यहाँ तक कि आप फोर्ट कोच्चि में कुछ कलाकृति और हस्तशिल्प की दुकानों और कला दीर्घाओं पर भी रुक सकते हैं। किसी भी एक छोटे से कैफे में खाने-पीने के साथ अपनी सैर को समाप्त करें।
शारजाह
यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर और अप्रैल
जबकि पूरी दुनिया आधुनिक बनने और बेहतरीन चीज़ों का प्रदर्शन करने की होड़ में लगी हुई है, एक गंतव्य के रूप में शारजाह चुपचाप गरिमा के साथ धीमी और दृढ़ गति से आगे बढ़ना चाहता है; ऐसा करते समय वह नहीं चाहता कि उसकी संस्कृति या अन्य चीज़ों को किसी प्रकार का नुकसान पहुंचे। पर्यटक स्थलों में सबसे जागरूक स्थानों में से एक, शारजाह पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अपनी समृद्ध अरबी विरासत को गले लगाने के इसी गुण का इस्तेमाल करता है। इस देश की अनूठी संस्कृति के बारे में बात करते हुए, शारजाह कोई नया गंतव्य नहीं है; यह पूर्ण रूप से प्रमाणित किंतु संपूर्ण व्यावसायिक केंद्र नहीं है। यह देश शैक्षिक और कलात्मक पहलुओं पर अधिक ध्यान देता है। हर वर्ष, अनेक पर्यटक शारजाह की असाधारण अरबी वास्तुकला का आनंद लेने के लिए आते हैं। इस स्थान पर ऐसे अनेक प्रमाणिक अनुभव हैं जो अत्यधिक अनुभवजन्य हैं और पर्यटकों को निश्चित तौर पर जीवन भर की यादें प्रदान करेंगे। पर्यटक यहाँ पुराने सौक (बाज़ार) की सैर कर सकते हैं, जो कि शारजाह के मध्य में स्थित है। शारजाह में ऐसे तीन स्थान यूनेस्को विश्व विरासत स्थलों के रूप में सूचीबद्ध होने की प्रक्रिया में हैं। यात्री अनेक प्रकार के अनुभव प्राप्त कर सकते हैं फिर चाहे उसका संबंध विरासत, संस्कृति, शिक्षा या संग्रहालयों से क्यों न हो। इस अछूते गंतव्य में 22 संग्रहालय हैं, जो यूएई में कुल संग्रहालयों की संख्या का आधा है।
सभी सांस्कृतिक और विरासत यात्राओं को एक ही ढांचे के तहत लाना कठिन होता है क्योंकि ऐसे स्थानों को देखने और खोज करने की कमी नहीं है, इसलिए, हम आप से आग्रह करते हैं कि अगली बार जब भी आप अपनी यात्रा की योजना बनाएं हम से संपर्क करें और उसे यादगार बनाने में हम आपकी सहायता करेंगे। आपकी यात्रा शुभ हो!
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Kiosk Check-in is a convenient way for passengers to check-in using IndiGo kiosks located at the airport. Passengers can select their preferred seat a...Read more
Currently, the tickets are non-transferable, hence, name changes on a confirmed reservation are not permissible. You will need to cancel your ticket a...Read more
• On domestic flights you can cancel/ refund till 2 hours prior to flight departure • On international flights you can cancel/ refund till 4 hours pri...Read more
Citizens of Nepal and Maldives are eligible for tax exemption/reduction, as per applicable laws, on the airfare. In order to avail such tax exemption/reduction, passengers must declare their correct nationality at the time of booking. In case citizens of Nepal or Maldives intend to travel with any foreign nationals, such citizen (passenger) are requested to kindly book tickets for accompanying foreign national (passengers) in a separate PNR/ticket. Once selected, the nationality cannot be changed at any point during the booking process.